सोमवार 20 अक्तूबर 2025 - 15:59
रसूल अल्लाह (स) के 1500वें जन्मदिन के अवसर पर पैग़ाम ए नबवी से उम्मात ए मुस्लिमा में एकता की नई शुरुआतः हुज्जतुल इस्लाम कोहसारी

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम कोहसारी जो की हौज़ा एल्मिया के संचार एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख हैं उन्होने कहा है कि वर्ष 1447, जो पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद स.अ.व. की 1500वीं जयंती का वर्ष है, मुस्लिम उम्माह के लिए एक ऐतिहासिक और स्वर्णिम अवसर है। उन्होंने कहा कि इस अवसर का शैक्षिक,तब्लीग़ और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग करते हुए हमें पैग़ाम-ए-नबवी का प्रसार करना चाहिए, इस्लामी उम्माह की एकता को मजबूत करना चाहिए और फिलिस्तीन जैसे वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करनी चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम कोहसारी जो की हौज़ा एल्मिया के संचार एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख हैं उन्होने कहा है कि वर्ष 1447, जो पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद स.अ.व. की 1500वीं जयंती का वर्ष है, मुस्लिम उम्माह के लिए एक ऐतिहासिक और स्वर्णिम अवसर है।

उन्होंने कहा कि इस अवसर का शैक्षिक,तब्लीग़ और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग करते हुए हमें पैग़ाम-ए-नबवी का प्रसार करना चाहिए, इस्लामी उम्माह की एकता को मजबूत करना चाहिए और फिलिस्तीन जैसे वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करनी चाहिए।

हौज़ा ए इल्मिया के संचार एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख ने घोषणा की है कि इस महान अवसर पर हौज़ा एल्मिया की ओर से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न शैक्षिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक और प्रचारात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को वैश्विक इस्लामी संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर स्वीकृति मिली है और अब सरकार, हौज़ा ए इल्मिया हौज़ा से जुड़े संस्थान और अन्य संबंधित संगठन इस दिशा में सक्रिय हैं।

हुज्जतुल इस्लाम हुसैनी कोहसारी के अनुसार, इन कार्यक्रमों में शैक्षिक एवं शोध संबंधी चर्चाएं, विश्वविद्यालय और हौज़ा ए इल्मिया के संयुक्त कार्यक्रम, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष सत्र, कलात्मक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम और अंतर-धर्म संवाद शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिस्थितियां, विशेष रूप से प्रतिरोध अक्ष और गाजा की स्थिति, इस अवसर के महत्व को कई गुना बढ़ा देती हैं। इस वर्ष को उम्माह के पुनर्निर्माण, जागरूकता और वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए एक नई शुरुआत में बदलना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मीडिया, शैक्षिक केंद्रों और बौद्धिक संस्थानों को चाहिए कि वे सीरत-ए-नबवी के विभिन्न पहलुओं को आधुनिक और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करें ताकि नई पीढ़ी और बौद्धिक वर्ग तक रसूल-ए-अकरम स.अ.व. का सार्वभौमिक संदेश पहुंचा सके।

हौज़ा ए इल्मिया के संचार एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख ने इस अवसर पर अल-अजहर (मिस्र), मजामए फिक़ही जेद्दा और अन्य वैश्विक संस्थानों के साथ बौद्धिक एवं व्यावहारिक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि इस पवित्र वर्ष में इस्लामी उम्माह की सामूहिक समस्याओं, विशेष रूप से फिलिस्तीन के मुद्दे को एक एकजुट और प्रभावी तरीके से दुनिया के सामने पेश किया जाएगा।

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